जालंधर में आईवीएफ का इलाज और खर्चा

अब स्टार स्टार हॉस्पिटल जालंधर में आईवीएफ की सुविधा प्रदान कर रहा है। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट को आई वी एफ ट्रीटमेंट कहा जाता है। यह एक घरेलू शब्द बन चूका है। इस प्रक्रिया का इलाज़ सबसे पहले इंग्लैंड में 1978 में किया गया था , लुइस ब्राउन नाम का एक बच्चा, एक ऐसा बच्चा था जो की अपनी माँ के गर्भ की बजाये किसी और अन्य गर्भ से पैदा हुए थे ।आई वी एफ ट्रीटमेंट में महिला के अंडे को पुरुष के शुक्राणु के साथ एक लैब में मिलाया जाता है और जब इनके संयोजन से भ्रूण बन जाता है तो इस भ्रूण को महिला क गर्भाशय में रख दिया जाता है / यह एक सरल तथा महंगी प्रक्रिया है किन्तु यह प्रक्रिया उन जोड़ो के लिए काफी सहायक है जो के काफी समय से गर्भधारण की कोशिश कर रहे है और कुछ कारणों की कारण असफल हो गए हैं।

ivf treatment in jalandhar and cost

आईवीएफ करने की प्रक्रिया

आई वी एफ ट्रीटमेंट के कुल 5 भाग होते है जो के निचे लिखे गए है।

स्टेप 1 : सबसे पहले महिला को अंडे के बनने के लिए प्रजनन दवाइयां दी जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान काफी अंडे बन सकते है लेकिन सारे अंडे प्रजनन योग्य नहीं होते है। इसके बाद अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया जाता है जिससे महिला के ओवरी की जाँच की जाती है और एक ब्लड टेस्ट किया जाता है हार्मोन की जाँच के लिए।

स्टेप 2 : अब अंडे पूरी तरा से बन कर तैयार हो गए है , उन अंडे को सर्जरी और अल्ट्रासाउंड की सहायता से श्रोणि गुहा में से बहार निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया में काफी दर्द और असुविधा हो सकती है | इस दर्द को कम करने के लिए दवाइयां दी जाती है।

स्टेप 3 : इस में पुरुष के शुक्राणुओं को लिया जाता हैं और अंडो के साथ मिलाया जाता है ।

स्टेप 4 : शुक्राणु और अंडे को एक साथ मिलाया जाता है और उस प्रक्रिया को इनसेमिनेशन कहा जाता है | इसे एक लैब में रखा जाता है। कई बार निषेचन की संभावना कम होती है तो ICSI (इंट्रासाइप्लाज्स्मिक स्पर्म इंजेक्शन)का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में शुक्राणुओं को सीधा अंडो में इंजेक्ट किया जाता है जिससे निषेचन किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की सहायता से यह देखा जाता है के निषेचन सही से हो रहा है या नहीं। निषेचित अंडे को भ्रूण कहा जाता है।

स्टेप 5 : भ्रूण को तीसरे या पांचवे दिन महिला के गर्भाशय में रखा जाता है। इसे रखने के लिए एक ट्यूब का प्रयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया कुछ महिलाओं के लिए दर्दनाक होती है और कुछ महिला को इस प्रक्रिया में कम दर्द होता है। आमतौर पर 6 से 10 दिनों के बीच में इम्प्लांटेशन हो जाती है , तो इस प्रक्रिया को सफल माना जाता है।

जालंधर में आईवीएफ का अस्पताल

अगर आप जालंधर में आईवीएफ की सुविधा पाना चाहते हैं तो स्टार अस्पताल में आपको डॉ मनदीप कौर बीते कई वर्षों से आईवीएफ का सफल इलाज प्रदान कर रहीं हैं। यहां अनेकों दम्पति अपनी संतान पाने का सुख प्राप्त कर चुके हैं । डॉ मनदीप कौर ने अपने अनुभव से कई जटिल मामलों में भी कामयाबी प्राप्त की है और सफलतापूर्वक जालंधर में आईवीएफ का इलाज करने की सुविधा प्रदान की है।

जालंधर में आईवीएफ का खर्च

अब आई वी एफ की मदद से संतान सुख प्राप्त करना आसान हो गया है और अन्य देशों की तुलना में भारत में आई वी एफ की लगत अभी भी कम है। हालाँकि इस प्रक्रिया की कीमत कुछ कारकों पर निर्भर करती है। यह हर एक महिला की स्थिति पर निर्भर करती है। उदहारण के लिए अगर इस प्रक्रिया में कोई जटिलता होती है तो इलाज करने का खर्च ज्यादा भी हो सकता है। जालंधर में आईवीएफ का इलाज का खर्च निचे दिया गया है ।

जालंधर में आईवीएफ का खर्च

जालंधर में टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्चDetails
जालंधर में आईवीएफ का खर्च1.5 Lakh to 2.5 Lakh INR (Depending Upon a Case )
Open9:30 am to 2:30 pm, 5:00 am to 6:00 pm
Working DaysMonday – Saturday
Mobile Number+91-9888958889

जालंधर में आईवीएफ का इलाज जानने या खर्च पता करने के लिए दिए गए फर्म को भरें या कॉल पर संपर्क करें

+91 81969- 81385

https://www.youtube.com/watch?v=r3WHTIahrf0