माँ बनने का एहसास हर महिला के लिए एक खास एहसास होता है। जब कोई भी महिला माँ बनती है तो उसका एक नया जीवन शुरू होता है। एक महिला के माँ ना बनने के कई कारण होते है जैसे की महिला का बांझपन। आज के वक्त में जहाँ मेडिकल साइंस ने काफी उन्नति प्राप्त कर ली है । अब बांझपन जैसी समस्या आई वी एफ के द्वारा दूर की जा सकती है।
स्टार अस्पताल आपको भोगपुर में आईवीएफ के इलाज प्रदान करवा रहा है। यहाँ डॉ मनदीप कौर पिछले कई सालों से आईवीएफ का सफल इलाज प्रदान कर रही हैं जिससे की कई दम्पतियों ने माता-पिता बनने का सुख प्राप्त किया है।
आईवीएफ क्या है ?
आईवीएफ मतलब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता है । इस प्रिक्रिया में पुरुष के शुक्राणुओं को महिला के अण्डों के साथ एक लैब में मिलाया जाता है । इनके मिलने से एक भ्रूण बन जाता है जिसे की दुबारा महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। आई वी एफ एक मुश्किल प्रिक्रिया है किन्तु लोग इसे काफी मात्रा में अपना रहे है । आज के समय में जो माता पिता बच्चा पैदा नहीं कर पा रहे है वह इस तकनीक को अपना रहे है।
आईवीएफ की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होता है की क्या आप आईवीएफ की प्रक्रिया करवाने के लिए अनुकूल हैं या नहीं । डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और आपके स्वास्थय को देख कर यह बता पाते है यह प्रिक्रिया करनी चाहिए या नहीं । आई वी एफ की पूरी प्रिक्रिया कई चरणों में की जाती है । आई वी एफ की प्रक्रिया के एक साइकिल को कम से कम 2 से 3 हफ्ते लग सकते है और कई बार आई वी एफ के लिए एक से ज्यादा साइकिल की जरूरत भी होती है।
- ओवेरियन स्टिमुलेशन : अगर आप प्रक्रिया शुरू होने पर अपने ही अंडो का उपयोग कर रहे है तो आपको डॉक्टर्स और अधिक अंडे निर्माण करने क लिए उत्तेजित करते है जिससे की डॉक्टर्स स्थैतिक होर्मोनेस से ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। इस प्रिक्रिया में कई सारे टेस्ट्स करने की जरूरत होती है जिससे यह पता चलता हैं कि कौन सी दवाइयाँ देने की जरूरत है और यह प्रिक्रिया किस समय शुरू कर सकते हैं । आमतौर पर महिला को एग्स देने से 1 हफ्ते पहले ओवेरियन स्टिमुलेशन की जरूरत होती हैं । कई बार डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट्स करवाने की सलाह भी देते हैं ।
- ओवरी से एग निकालना : ओवुलेशन प्रोसेस के 34 से 36 घंटे बाद महिला के ओवरी में से एग निकलने की प्रिक्रिया शुरू होती हैं । इस समय महिला को बेहोश किया जाता हैं और ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड की सहायता से वैजाइना में बहुत ही पतली सुई डालकर एग को निकला जाया हैं । जो अंडे ठीक होते हैं उन्हें शुक्राणुओं के साथ मिलाया जाता है।
- स्पर्म लेना : यह प्रक्रिया भी डॉक्टर्स द्वारा लैब में की जाती है । इसके लिए मास्टरबेशन की मदद से डॉक्टर को आई वी एफ के प्रोसेस के लिए स्पर्म दिया जाता है । प्रिक्रिया समापत होने पर डॉक्टर स्पर्म को स्पर्म फ्लूड से अलग कर देते है ।
- फर्टिलाइजेशन : यह प्रक्रिया दो तरह से की जाती है।
परंपरागत गर्भधारण : इस प्रक्रिया में एग्स और शुक्राणुओं को आपस में मिलाया जाता है और ऊष्मायन (Incubation) किया जाता है ।
इंट्रा साइटो प्लाज़्मिक स्पर्म इंजेक्शन: इस प्रक्रिया में एक सही स्पर्म को अंडे में इंजेक्ट किया जाता है । यह तब किया जाता है जब पहले साइकिल के दौरान फर्टिला /*इजेशन असफल हो जाता है । - गर्भ में भ्रूण का स्थानांतरण: यह प्रक्रिया 2 से 3 दिन बाद की जाती है और डॉक्टर अपनी लैब में ही करतें है। यह एक दर्द रहित प्रक्रिया होती है लेकिन अगर दर्द होती है तो पैन रिलीवर दी जाती है । इसके बाद डॉक्टर भ्रूण को केथेटर से गर्भाशय में रख देते है ।
भोगपुर में आईवीएफ के इलाज का खर्च
भोगपुर में आईवीएफ के इलाज का खर्च बहुत से कारणों पर निर्भर करता है जिसके कारण इसका खर्च जानने के लिए आपको डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए और आपका केस स्टडी करने के बाद ही यह निश्चित किया जा सकता है की इसका खर्च क्या हो अगर आप भी भोगपुर में आईवीएफ के इलाज का खर्च जानना चाहते हैं तो आप स्टार अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं और विस्तार सहित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भोगपुर में आईवीएफ का खर्च | |||
भोगपुर में टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च | Details | ||
भोगपुर में आईवीएफ का खर्च | 1.5 Lakh to 2.5 Lakh INR (Depending Upon a Case ) | ||
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