गर्भधारण करने का तरीका एवं कुछ जरूरी टिप्स इन हिन्दी (How To Get Pregnant And Some Important Tips In Hindi)

इनफर्टिलिटी एक बहुत ही आम समस्या है आज कल बहुत से लोग इनफर्टिलिटी से जूझ रहें है जिसके कारण उन्हें निराशा का सामना करना पड़ रहा है। लोग यह सोचते हैं की इनफर्टिलिटी की समस्या केवल महिला के कारण ही हो सकती है लेकिन यह पाया गया है की बहुत से मामलों में यह समस्या पुरुष के कारण भी हो सकती है। इनफर्टिलिटी होने के अनेकों कारण हो सकते हैं जैसे की महिला का ज्यादा उम्र होना, ज्यादा वजन होना, पीरियड्स रुकना, अंडो की संख्या कम होना या फिर गर्भ सम्बंधित कोई बीमारी होना और पुरषो में यह समस्या शुक्राणुओं की कमी अदि और कई कारणवश हो सकती है।

जैसे जैसे मेडिकल साइंस तरकी कर रही है वैसे वैसे ही इस समस्या से निजात पाने के लिए बहुत ही आधुनिक मेडिकल इलाज भी संभव होता जा रहा है जिन में की इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (आईवीएफ), इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) जैसी अनेकों उन्नत तकनीक भी शामिल हैं। इस तकनीक में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया लैब में डॉक्टर की निगरानी में की जाती है जिसमे की महिला के अंडो को पुरुष के शुक्राणुओं से लैब में निषेचन किया जाता है। आईवीएफ को इनफर्टिलिटी के लिए सबसे सफल इलाज माना गया है जिसकी मदद से कई दम्पतियों ने अपना माता पिता बनने का सपना पूरा किया है। स्टार फर्टिलिटी आपको आईवीएफ का सफल इलाज प्रदान करवा रहा है।

गर्भघारण करने का तरीका एवं कुछ जरूरी टिप्स इन हिन्दी (How To Get Pregnant And Some Important Tips In Hindi)

प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ (Important points to keep in mind before planning your pregnancy in hindi)

प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले आपको कई बातों का ध्यान रखना पड़ सकता है बहुत से लोग यह बातों का जाने या अनजाने में पालन नहीं करते जिससे की इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है इस समय महिला के अंडाशय (ovary) से अंडा निकलता है और पुरुष के शुक्राणु (sperms) से मिलकर निषेचित होता है जिसे pregnancy कहते है। पुरुष के शुक्राणु उनके शरीर से निकलने वाले तरल semen के साथ निकलते है जिससे उन्हें गर्भाशय (uterus) तक तेरने में मदद मिलती है और सही समय पे सम्बन्ध बनाने पे वे महिला के अंडे तक पहुँच जाते है। जब आप अपना परिवार बढ़ाने के बारे में सोचे तो कुछ बातें ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है। प्रेग्नेंट हो कर बच्चा पैदा करना आसान है पर एक स्वस्थ माँ और बच्चे के लिए, आपका और आपके पति का स्वस्थ होना और भी ज़रूरी है। प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले ध्यान देने वाली बाते (Things to keep in mind before planning your pregnancy in hindi)

डॉक्टर से राय ले (Take your doctor’s advice)

प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर मिले। आपका ये जान लेना बहुत ज़रूरी है की आप शारीरिक तौर पर स्वस्थ हैं या नहीं। डॉक्टर के कहे अनुसार आपको अपनी सारी जांच करानी चाहिए ताकि आपको आपके शरीर में किसी भी इन्फेक्शन या बीमारी का पता चल सके और आप अपने आने वाले बच्चे को उससे बचाने का उपाय कर सके। कुछ बीमारियाँ जैसे thalassemia, HIV, Rubella, यौन जनित रोग (STI) और Hepatitis B etc. कि जांच करा के ही pregnancy प्लान करनी चाहिए।

नशा न करे (Stay away from drugs)

हम सभी जानते है की किसी भी तरह का नशा हमारे लिए नुकसानदायक है पर प्रेग्नंसी से पहले या इसके दौरान नशा आपके लिए और आपके बच्चे की जान के लिए खतरा हो सकता है। किसी भी तरह के नशे से बचे। ध्यान रखें की pregnancy प्लान करने से पहले पुरुषों को भी नशे का सेवन रोक देना चाहिए ताकि उनके शुक्राणुओं की क्वालिटी पे कोई असर न आये।

खान पान पे ध्यान दे (Eat healthy food)

अपने खान पान का विशेष ख्याल रखे.।अच्छा और पोष्टिक खाना आपके शरीर को 9 महीने के लिए तैयार करता है और प्रेग्नंसी के समय ज्यादा वज़न बढने से रोकता है। India में दाल खाने का प्रचलन है जो आपको काफी मात्रा में प्रोटीन देती है और हरी सब्जियां आपके शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाती है। अगर आप दूध दही का सेवन करें तो आपको अच्छी मात्रा में calcium भी मिलता है। pregnancy के 6 महीने पहले से अपने खान पान की आदतों में सुधार लाने से pregnancy के समय आप और आप के बच्चे को सही पोषण मिलता रहेगा.।

तनाव से दूर रहे (stress free)

अपने परिवार और रिश्ते को stress free बनायें । किसी भी तरह का stress आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव करता है जिससे conceive करने में परेशानियाँ आती है। stress से बचने के लिए आप योग का सहारा ले सकते है।

सही समय की जानकारी

conceive करने के लिए सही समय की जानकारी रखे। महिला के शरीर में दो अंडाशय होते हैं जिनमे से हर माह एक अंडा एक तरफ से निकलता है। महिला के मासिक चक्र (period) के शुरू होने के 12वें से 16वें दिन पे एक अंडा निकलता है। अगर महिला का मासिक चक्र नियमित है तो ovulation नियमित समय पर आता है पर अगर मासिक चक्र अनियमित है तो उसका कैलकुलेशन करना मुश्किल होता है।

यदि आपका मासिक चक्र 28 दिन का है और अगर आपका मासिक हर महीने 28 वे दिन पे शुरू हो जाता है तो आपका ovulation उसके 12 वे से 16 वे दिने पे होगा। इसको सरल तरीके से समझने के लिए हम कह सकते है की यदि आपका मासिक हर महीने की 2 तारीख पे शुरू होता है तो 13 तारीख से 17 या 18 तारीख तक आपका ovulation होने की सम्भावना होती है, इसमें आप एक दो दिन जोड़ भी सकते है क्योंकि मासिक एक दो दिन आगे पीछे हो सकता है पर यदि आपका मासिक 6 दिन या उससे ज्यादा आगे पीछे हो तो आपको सही से ovulation पीरियड का पता नहीं लगा सकती है.।

प्रेग्नेंसी प्लान करने के 4 से 6 माह पहले से अपने मासिक चक्र की नियमितता जानने के लिए हर माह period शुरू होने पे calendar पे चिन्ह लगाना शुरू करना चाहिए जिससे आप को सही समय की जानकारी मिल जाएगी।

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष को क्या करना चाहिए

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष को फर्टिलिटी बढ़ाने वाली चीजें ज्यादा से ज्यादा खानी चाहिए |

  1. गाय का दूधगाय का घी
  2. शहद
  3. अश्वगंधा
  4. बाला
  5. शतावरी
  6. त्रिफला
  7. शिलाजीत
  8. मुसली
  9. यस्तिमधु
  10. कौंच के बीज
  11. आंवला
  12. गोक्षुरो
  13. कद्दू के बीज
  14. अखरोट
  • यह कामेच्छा और फर्टिलिटी में सुधार करने में मदद करते हैं

Ovulation के लक्षण (Symptoms of ovulation)

अगर आपका मासिक चक्र पूरे 28 दिन का होता है तो 12वें और 16वें दिन के लक्षणों को पहचाने। इसी दिन ओवुलेशन प्रक्रिया होने की संभावना ज्‍यादा होती है। Ovulation के समय आपकी योनी से निकलने वाले स्राव में बदलाव आता है। वह पारदर्शी हो जाता है व् ऊँगली और अंगूठे के बीच रख कर खेचेने पे चिपचिपा हो जाता है (अंडे की सफेदी की तरह) मासिक चक्र खत्म होते ही रोज सुबह उठ कर अपने शरीर के तापमान को चेक कर के लिखने से भी ovulation के समय की जानकारी मिल जाती है। ovulation शुरू होते ही शरीर के तापमान में बढ़ोतरी आती है जिससे पता चलता है की ovulation शुरू हो चुका है इस तरीके को बैसल बॉडी टेम्परेचर कहा जाता है। ovulation के समय महिला के शारीरिक सम्बन्ध बनाने की इच्छा बढ़ जाती है और स्तनों में भारीपन का एहसास होता है। आजकल बाज़ार में ovulation चेक करने की strips भी आ गई है जिसमे urine की कुछ मात्रा डालने पर रंग बदल जाता है और ovulation का पता चल जाता है।
इन लक्षणों को ध्यान में रखने से आप 12 से 24 घंटो पहले ovulation का पता चला सकते है और सही समय पर शारीरिक सम्बन्ध बना कर pregnant हो सकते है साथ ही अगर चाहे तो बर्थ कंट्रोल की तरह भी इस्तेमाल कर सकते है।अगर इस दौरान सेक्‍स न किया जाए तो प्रेग्‍नेंट होने की संभावना कम होती है।

प्रेग्नंसी प्लान करते समय कुछ सावधानियां (Precautions to take while planning for pregnancy)

अंडकोषों के प्रति सावधानियां (Precautions to be taken in terms of testicals)

Pregnancy प्लान करते समय पुरुषों का अपने शरीर का ध्यान रखना भी ज़रूरी है. पुरुषों के testicles (अंडकोष) में sperms का निर्माण होता है और यदि उसके तापमान में बढ़ोतरी होती है तो sperms निष्क्रिय हो सकते है इसी कारण अंडकोष शरीर के बाहर होते है. शरीर के तापमान के साथ वह शरीर के पास या दूर अपने आप हो जाते है. यदि पुरुष किसी गरम जगह काम करते है तो उन्हें सावधान रहना चाहिए और साथ ही मोबाइल फ़ोन को ज्यादा देर तक pant की सामने वाली जेब में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उसमे से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरने sperms को नुक्सान पंहुचा सकती है.

बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों के सेवन से बचे (Avoid taking medicines without the doctor’s advice)

Pregnancy प्लान करते समय किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले क्योंकि कई दवाएँ हमारे शरीर के होर्मोनेस में बदलाव लाती है जिससे conceive करने मे परेशानी हो सकती है.

लुब्रिकेंट (lubricants) का प्रयोग ना करें (Do not use lubricants during sexual intercourse)

बाज़ार में कई तरह के lubricants आते है जो को सेक्स के समय लिंग को कड़ा करने या महिला की योनी में तरलता को बढ़ाने के लिए उपयोग में लायी जाती है पर इनके उपयोग से sperms की quality व मोबिलिटी में कमी आती है इसलिए pregnancy प्लान करते समय इनका उपयोग ना करें.

इन छोटी छोटी सावधानियों को ध्यान में रखने से आपको conceive करने में आसानी हो सकती है पर इन सबके साथ डॉक्टर से मिलना व अपनी जांचे कराना न भूले. अगर आप इन सावधानियों को ध्यान में रखने के बाद भी 2 साल में conceive न कर पाए तो डॉक्टर से मिल कर fertility tests करा सकते है। डॉक्टर पुरुषो का sperm test और महिलाओं के fallopian tubes का test कर के आपके fertility के बारे में आपको डिटेल में बता सकता है और pregnant होने के मेडिकल तरीके बता सकता है.

ध्यान रखे की pregnancy की प्लानिंग दोनों पति और पत्नी का निर्णय होता है इसलिए आपस में बात और विचार करके pregnancy प्लान करें और एक दुसरे का दोस्त बन के ऊपर दिए उपायों को अपनाये. अगर आप तुरंत pregnant नहीं हो पाते है तो एक दुसरे को दोष ना दे कर सही कारणों का पता लगायें जिससे आपके रिश्ते में मिठास बनी रहे.